बिहार के सहरसा जिले में कोशी नदी के पूर्वी भाग में स्थित है मत्स्यगंधा झील।1996 में निर्मित यह झील, पर्यटकों को आकर्षित करती रही है, पर रख-रखाव के अभाव में यह सूखती चली गयी। जल जीवन हरियाली योजना के तहत बिहार सरकार के लघु जल संसाधन विभाग द्वारा मत्स्यगंधा झील का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। मत्स्यगंधा झील कोशी इलाके का प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है जहां नौका विहार करने सहरसा, सुपौल, मधेपुरा के अलावा नेपाल से भी पर्यटक आते थे।
23 साल पहले शमशान भूमि ने लिया था झील का स्वरूप
करीब 23 वर्ष पहले तत्कालीन जिलाधिकारी तेज नारायण लाल दास ने श्मशान स्थल पर जहां लाशों को ठिकाने लगाया जाता था। दिन के उजाले में भी लोग जाने से डरते थे। सालों भर जलकुंभी से भरा होता था। ऐसे शमशान स्थल को झील का स्वरूप दिया था। सहरसा में यह झील 1.5 किमी लंबा और 200 मीटर तक फैला हुआ है। करीब 2 वर्ष पहले झील पूरी तरह से सुख चुकी है जिसका उड़ाही का कार्य किया जा रहा है। मत्स्यगंधा झील को 2 मीटर गहरा किया जा रहा है जिससे झील में पानी की वृद्धि 6 लाख घन मीटर तक हो जाएगी। इस झील का जीर्णोद्धार कार्य 15 जून तक पूरा कर लिया जाएगा। झील के जीर्णोद्धार के बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सालों भर पानी भरा रहे और इसके साथ ही नाव चलाने की व्यवस्था की जाएगी।