बिहार सरकार कोरोना के संकट काल मे बाहर से आ रहे प्रवासियों को रोजगार देने का मन बना रही है। बाहर से लौट रहे प्रवासियों को उनके गांव के आस पास ही रोजगार देने की कोशिश की जा रही है। कई जिलों में बाहर से लौटे प्रवासियों को उनके प्रखंड में ही मनरेगा, जन जीवन हरियाली, नल जल योजना, सड़क निमार्ण जैसे कार्यो के लिए रोजगार दिया गया है। कई मजदूरों ने कहा की अन्य प्रदेशों से आने के बाद उनपर रोजगार का संकट एवं भुखमरी जैसे हालात थे लेकिन राज्य सरकार द्वारा उनके गांव के निकट रोजगार मिलने से वह खुश है। बिहार सरकार अन्य प्रदेशों से आ रहे प्रवासियों को अपने राज्य में रोकने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए बिहार में 50 लाख रोजगार देने की तैयारी कर रही है। नीतीश कुमार ने बिहार में सरकार की सभी विभागों एवं जिला स्तर पर रोजगार के अवसर तलाशने का निर्देश दिया है। सभी जिलों में रोजगार के अवसर तलाशने की योजना पर काम किया जा रहा है जिससे कि यहां के मजदूरों के साथ साथ बाहर से आ रहे श्रमिकों को भी रोजगार मिल सके।
बिहार के प्रवासियों का दुसरे राज्यों की अर्थव्यवस्था विकसित करने में बड़ा योगदान
बिहार में इतने बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर आने पर देश और दुनिया की कई उद्योगों की नजर बिहार पर पड़ेगी जिससे आने वाले समय मे राज्य में कई उद्योग विकिसित हो सकेंगे। बिहार के करीब 25 लाख प्रवासी अन्य राज्यों में जाकर काम एवं मजदूरी करते है जिससे उन्हें कई दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। अगर बिहार के मजदूर यहां रुक जाते है तो देश भर की कई इंडस्ट्री, फैक्टरियों के काम रुक जाएंगे। राज्य में निवेशकों को प्रोत्साहन मिलेगा जिससे कि राज्य में रोजगार के अवसर सृजन हो सकेंगे।